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वर्तमान भारतीय राजनीति सिर्फ  आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गई

वर्तमान भारतीय राजनीति सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित रह गई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं। देश की अर्थव्यवस्था में 83% का योगदान देने वाला व्यापारिक वर्ग पूरी तरह असहाय महसूस कर रहा है। समय की मांग है कि व्यवस्थित रुप से काम करने वाला व्यापारी वर्ग देश की व्यवस्था भी सम्भाले।